इंसान घर बदलता है
लिबास बदलता है
रिस्ते बदलता है
दोस्त बदलता है
फिर भी परेशान क्यों रहता है
क्योंकि वह खुद को नहीं बदलता
मिर्जा गालिब" ने ठीक ही कहा है
उम्र भर "गालिब" यही भूल करता रहा...
धूल चिहरे पर थी और आईना साफ करता रहा।...
इंसान घर बदलता है
लिबास बदलता है
रिस्ते बदलता है
दोस्त बदलता है
फिर भी परेशान क्यों रहता है
क्योंकि वह खुद को नहीं बदलता
मिर्जा गालिब" ने ठीक ही कहा है
उम्र भर "गालिब" यही भूल करता रहा...
धूल चिहरे पर थी और आईना साफ करता रहा।...