आजबे ओ, आजबे ना

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आजबे ओ, आजबे ना ।
दिन बुड़ती संझवती के बेरा ,
आजबे ना ।।
आ जांहु गा , आ जांहु ना
दिन बुड़ती संझवती के बेरा ,
आ जांहु ना ।।

बैठे जोहत रईहु,
रस्ता ला तोर ।
राखे रइबे सुरता,
कर लेबे मोर ।।

संझा के बेरा पांच बजे ।
आजबे तै पानी भरे ।।

आ जांहु गा , आ जांहु ना
दिन बुड़ती संझवती के बेरा ,
आ जांहु ना ।।

गांव बस्ती के देखत रइथे ।
संगी सहेली मन ठोलत रइथे ।।

पानी भरे बर आथव मैं हा ।
का बतावव तोला बइहा ।।

आजबे ओ , आजबे ना ।
दिन बुड़ती संझवती के बेरा ,
आजबे ना ।।

जलइया ला जलन दे बही ।
मोर जिनगी के रानी तहि ।।

तोला देखे बर जीवरा तरसे ।
नई देखव ता दिल नई धड़के ।।

आ जांहु गा , आ जांहु ना
दिन बुड़ती संझवती के बेरा ,
आ जांहु ना ।।

मोर जिनगी के तै राजा ।
लेके आजा बैंड बाजा ।।

सोला सिंगार करहू मैं हा ।
मैं तोर रानी, राजा तै हा ।।

आ जांहु गा , आ जांहु ना
दिन बुड़ती संझवती के बेरा ,
आ जांहु ना ।।


------------परम साहू -----------


You tube Song link :-

https://youtu.be/-BJ-eniIE6g

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