दोस्तों को छोड़ अपनों के मोहताज निकले !!
दोस्त हमे सिर्फ कहने के लिए है।
वोतो दोस्ती का हक किसी और को दिए है !!
देखते देखते ही वो पराए निकल गए ।
पता ही नहीं चलने दीया कैसे बिछड गए !!
कैसे कटेगा दिन ये सोच के नींद आता नही है।
भूलने की कोशिश किया, पर दिल से जाता नहीं है !!
........................परम साहू..................