नटखट कान्हा मन को भाये ।
मधुबन में रास रचाये ।
खुद तो माखन खाए ,
संग दूसरो को भी खिलाए ।।
रोज शिकायत लेके यशोदा के पास आये ।
योशोदा बेचारी तंग आ जाये ।
योशादा बोले क्यों री कान्हा ,
तोहे चिंता नाही मोरी ।
कान्हा बड़े प्यार से बोले,
मैं नाही की माखन चोरी ।।
गुस्से में आके,
बांधने चले मैंया यशोदा ।
लीला प्रभू का अटपट,
डोरी भी लागन लगी छोटा ।।
प्यार से बोले कन्हैया ,
चोरी करने जाता नहीं हूं मईया ।
मुझे तो बुला के ले जाते हैं ,
नहीं मांगता माखन मैं फिर भी मुझे खिलाते हैं ।।
ग्वाल बाल संग कन्हैया ,
मधुबन में बंशी बजाए ।
भोर भए पनघट में,
गोपियों को नाच नचाये ।।
बंशी के तान सुन,
राधा व्याकुल हो जाये ।
बना रही खाना को ,
आधा छोड़ के आ जाये ।।
नटखट कान्हा मन को भाये ।
मधुबन में रास रचाये ।।
जन्माष्टमी पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई भगवान कृष्ण आप सब के ऊपर आशीर्वाद बनाए रखें ।।
।। जय श्री कृष्ण ।।
-------------परम साहू-------------
Ahha ati sunder
ReplyDeleteRadhe krishna 🙏
ReplyDeleteRadhe radhe 🙏🙏🙏
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