*ये दुलरवा कान्हा तोर*
*बनगे बनगे यशोदा चोर*
*गउकी बनगे यशोदा चोर*
*ये दुलरवा कान्हा तोर*
*ये दुलरवा कान्हा तोर ये मयारू..२*
ए दे ..................
ग्वाल बाल अउ सखा के संग म
सपटे सपटे आथे -२
दूध दही माखन ल चोराके
खाथे अउ खवाथे-२
*करे अलिन-गलिन म शोर*
*नइ तो लागे रतिया भोर*
*ये दुलरवा कान्हा तोर*
बनगे बनगे यशोदा...........
कस रे कान्हा काबर तँय ह
अइसन उपद्रव मचाथस-२
घर म हमर काय कमी हे
जे तँय पर के चोराथस-२
*अइसन कामें ल तँय छोड़*
*नइ ते बाँधी देहुँ डोर*
*महुँ दाई आवंव तोर*
बनगे बनगे यशोदा..........
सुन वो मईया एमन मोला
बिरथा दोष लगाथे-२
सिधवा जान के मोला मईया
धर-धर के नचवाथे-२
*नोहव लईका मँय ह तोर*
*कहिके करथे एमन जोर*
*सुन दुलौरिन मईया मोर*
बनगे बनगे यशोदा.......